वित्त वर्ष 2025 में भारत का घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद का 23.9% हो गया, जो महामारी के बाद के वित्तीय तनाव का संकेत है।
वित्त वर्ष 2025 में भारत का घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद का 23.9% हो गया, जो महामारी के बाद के वित्तीय तनाव का संकेत है।

बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में घरेलू ऋण में थोड़ी वृद्धि हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) में सकल घरेलू उत्पाद के 23.9 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष के 23.1 प्रतिशत से वृद्धि है। इस उछाल के पीछे प्रमुख क्षेत्र खुदरा ऋणों का उठाव है, जिसमें घरों से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं तक हर चीज के लिए व्यक्तिगत उधार शामिल है।